Sunday 13 November 2016

'प्री दोपहरी'

उम्रदराज अक्टूबर की देर सुबह खेत मे काम करती स्त्री जैसी लगती हैं। थोड़ी ऊब,थोड़ी थकान, आधा खेत खुद जाने की मुस्कान और कमर पर हाथ धर कर घर से आती हुई रोटी का इंतजार। हाथ में लटकी हुई हँसिया भी थोड़ी गर्म होकर थोड़ी थोड़ी देर में मुस्कुरा उठती है, जैसे की छाया का प्रेम उसे बुला बुला कर थक गया हो।

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