हमारी हड्डियों के जोड़ के दर्द की दवा सरकार के पास बन्द है। सो बात बात पर दर्द का इशारा सरकारी गौदाम की तरफ हो जाता है। हड्डियों को गलाया हमने खुद, और दवा की आशा सरकार से! ये कहना है सरकारी ताले का। घुटनों से ग्रीस निकाल कर ताले में लगाते हुए हमने भी गीत गा दिया; ये ग्रीस ही तुम्हारी जिंदगी है और मौत की दवा भी। तुम्हे खुलना होगा तालों, भीतर अनाज के सड़ने से पहले। हमारा भूख से गिर पड़ने से पहले।
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